
Books of S.K. Mandey
सौरभ कुमार मान्डे, साहित्यिक नाम "एस. के. मान्डे" (S.K. Mandey), मध्य प्रदेश के अशोकनगर ज़िले के एक छोटे से गाँव नगऊखेड़ी के निवासी हैं। बचपन से ही उन्हें शायरी और कहानियों का गहरा शौक रहा है। स्कूल के दिनों से ही वे डायरी और लघुकथाओं के माध्यम से अपने विचारों और भावनाओं को काग़ज़ पर उकेरते आए हैं।
उनके लिए लेखन केवल शौक नहीं, बल्कि आत्मा की अभिव्यक्ति है, एक ऐसा माध्यम, जिसमें वे अपने अनुभव, सपने और अनकहे एहसास संजोते हैं। उनकी रचनाओं में प्रेम की नमी, तन्हाई की ख़ामोशी और जीवन की सच्चाई का उजाला साथ-साथ झलकता है।
"दीवारों के पार" (कमरा नंबर: ख़्वाब) उनका पहला प्रकाशित लघु उपन्यास है। यह कहानी एक ऐसी यात्रा है, जिसमें सपनों को केवल देखा नहीं, बल्कि जिया जाता है।
"शब्द वही जीवित रहते हैं, जिन्हें हम सिर्फ़ बोलते नहीं, बल्कि 'जीकर' महसूस करते हैं।" - S.K. Mandey