
Mentality in corona era By Doctors (कोरोना काल में मानसिकता by डॉक्टर्स)
लगभग पिछले दो सालो से ये विश्व जिस महामारी से गुजर रहा हैं उसने मानवीय मूल्यों की नींव को हिलाकर रख दिया हैं | स्कूल, मंदिर व दुकाने सब बंद हो गई और जिन्दगी घरो में कैद हो गई | किसी ने भी इस त्राहिमान की कल्पना नही की थी|
कोरोना से निपटने में डॉक्टर्स, नर्सिंग कर्मी तथा पैरामेडिकल स्टाफ का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं | लॉकडाउन में मेडिकल स्टाफ ने न सिर्फ निस्वार्थ सेवाएं दी बल्कि असीम हौसले व आमजन के प्रति निष्ठा का परिचय दिया|
जहाँ एक और दुनिया भर के डॉक्टर्स की रिसर्च टीम कोरोना के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने, इस पर प्रभावी दवाई का निर्माण और टीका बनाने में कार्यरत रही वही दूसरी ओर फिल्ड में कार्यरत डॉक्टर्स ने कोरोना के मरीजो को स्वस्थ करने का जिम्मा सम्भाला| कोरोना की आरटीपीसीआर के माध्यम से जाँच करवाना, पॉजिटिव मरीजो को उचित दवाईयां देकर क्वारंटीन करना, गंभीर मरीजो को भर्ती कर उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने से लेकर नेगेटिव आने के बाद उनके स्वास्थय में सुधार का निरिक्षण करने तक डॉक्टर्स और नर्सिंग कर्मियों ने हर क्षेत्र में प्रभावी तरीके से अपनी जिम्मेदरी निभाई|
ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर व कई चिकित्सा उपकरणों की कमी खली | इस दौरान कई बार निराशा हाथ आई तो कई बार आमजन की ढेर सारी दुआएं भी मिली|
मेडिकल समुदाय पिछले दो सालो से बिना थके लगातार मरीजो की देखभाल में लगा हैं क्योकि हर एक जान कीमती हैं | हालांकि देश इस गंभीर महामारी से अभी उभरा नही हैं एवं आने वाले समय में भी कोरोना का खतरा मंडरा रहा हैं परन्तु मुझे विश्वास है की मेडिकल कर्मी आने वाली हर चुनौती में इस निष्ठा के साथ ये संघर्ष जारी रखेंगे | इस हेतु आमजन का विश्वास और सहयोग आपेक्षित हैं|
-डॉ. संदीप चौधरी (MBBS)
-डॉ. चंद्रप्रकाश बारुपाल (MBBS)
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