Mentality In Corona Era By Polis (कोरोना काल में मानसिकता By पुलिस)
कोरोना जब नाम सुना तो सोचा सामान्य बीमारी होगी लेकिन जैसे जैसे इसने पूरी दुनिया में तबाही मचानी शुरू की तो उसमे भारत कैसे अछूता रहता | चीन और जर्मनी में इसने जो विकराल रूप धारण किया उसे शायद ही दुनिया भूल पायगी | भारत को पहली लहर में संभलने का वक्त मिला और हमारी खुशकिस्मती ये रही की माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉकडाउन की घोषणा समय रहते कर दी| लोगो से घरो में रहने की अपील की गई|
महामारी के इस दौर में अगर कोई दीवार बनकर खड़े थे तो वो थे – डॉक्टर, पुलिस व सफाई कर्मचारी|
लॉक डाउन की पालना करवाने का जिम्मा पुलिस के ऊपर था | पुलिस के सामने सबसे बड़ी समस्या थी तो वो थी लोगो को घरो में रखना और उन्हें समझाना |पुलिस ने समझाइस व सख्ती दोनों का मिला जुला रूप अपनाते हुए बखूबी अपना कर्तव्य निर्वहन किया | दिन में 40-45 डिग्री का तापमान हो यह गहरी अंधियारी रात, पुलिस 24 घंटे अपने कर्तव्य पथ एक अडिग दीवार बनकर खड़ी थी|
भारत में शायद पहली बार ऐसा मौका आया होगा जब लोगो ने पुलिस की सख्ती की जमकर प्रशंसा की व उसकी सराहना की | मुझे पुलिस में नौकरी लगने के बाद शायद इतनी खुशी कभी नही हुई होगी जितनी लोगो का प्यार व सहयोग देख कर हुई | लोगो में डर इस कदर हावी था की अगर इस बीमारी की चपेट में आ गये तो बच नही पाएंगे | लक्षण आने पर लोगो से जांच करवाने का निवेदन किया गया लेकिन लोगो ने जब जाँच नहीं करवानी चाही तो पुलिस कार्मिको ने अपनी जांच करवाकर देशवासियों के सामने मिसाल पेश की| बात अगर वेक्सीन के ट्रायल की हो तो भी पुलिस पीछे नहीं रही | पुलिस कार्मिको ने बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा लिया | कोरोना के दौर में पुलिस सेवा दार के रूप में भी सब से आगे रही हैं| कोई भी समस्या हो पुलिस ने हर मोड़ पर आमजन की मदद करने का जिम्मा अपने नाम कर लिया | हमेशा से सख्त और कठोर दिखने वाली पुलिस कितनी दयालु हैं इस बात को लोगो ने शायद पहली बार महसूस किया|
मै हकीकत बताना चाहूँगा की कोरोना महामारी के शुरूआती दौरे में हम लोग अपने घरो पर नही जा पाते थे सिर्फ इसलिए की कही हमारी वजह से हमारे परिवारजन इस बीमारी की चपेट में ना आ जाये | क्योकि हम दिन-रात बाहर रहकर ड्यूटी कर रहे थे | कहीं ना कहीं डर हमारे अंदर भी था लेकिन तिरंगे के नीचे ली हुई कसम हमे हमेशा यह याद दिलाती रहती है की तेरा जीवन इस देश के नाम हैं तो फिर डर कैसा और यही हमारी हिम्मत बनी|
जब टीकाकरण शुरू हुआ तो लोगो में एक अलग ही भय बना की टीका लगाने से मौत हो जाती हैं, अफवाहों ने जोर पकड़ा तो यहाँ भी पुलिस ने डॉक्टर्स के साथ मिलकर एक मिसाल पेश की | टीकाकरण में बढ़ चढ़कर भाग लिया और लोगो को बताया की टीकाकरण एक दम सेफ हैं | इसे लगाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नही होती हैं|
अंत में सभी पाठकगण व देशवासियों से निवेदन है की अगर आपमें भी कोरोना वायरस के लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करवाकर उपचार लेवें और इस बीमारी से बचे| समय रहते अगर आप अपना उपचार करवाते हैं तो इस कोरोना को हराना आसान हैं | सभी देशवासियों से मेरा निवेदन हैं की अनावश्यक बाहर ना निकले, अगर अति आवश्यक हो तो ही बाहर निकले लेकिन मास्क लगाकर निकले | याद रहे दो गज की दुरी मास्क हैं जरुरी |
जय हिन्द|
-बाबूलाल डूडी
पुलिस कांस्टेबल, राजस्थान पुलिस
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