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Mere Siyaram: 60 Minutes aur 52 Kavitayen
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Written by Manjusha Lokesh Chitrivekar (Manjushri)
- Book TitleMere Siyaram: 60 Minutes aur 52 Kavitayen
Book By Manjusha Lokesh Chitrivekar (Manjushri)
Details :
ISBN: 978-93-48104-61-8
Publisher - Authors Tree Publishing
Pages - 92, Language - HINDI
Price - Rs.180/- Only
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Category - Poetry/Hindi
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'मेरे सिया-राम' यह किताब मेरे दिल के बहुत करीब है। मेरे मन में श्रीराम और माता सीता के प्रति जो असीम श्रध्दा स्थित है, उसका विलोभनिय दर्शन आपको इस किताब में मिलेगा।
प्रो. डॉ. दिनेश गुप्ता (आनंदश्री) के प्रेरणा से यह कविता संग्रह मैं पूर्ण कर पाई। मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहूँगी। इन कविताओं को पुस्तक रूप में लाने के लिए प्रेरित करने का दायित्व श्री. मंगलमूर्ति चित्रिवेकर जी का है उनका भी तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूँगी।
सिमा मालविया द्वारा भेंट स्वरूप दी गई 'श्रीरामचरितमानस' का अध्ययन करने के बाद श्रीराम और माता सीता के प्रति मेरी निष्ठा और भी बढ़ गई है। 22 जनवरी को श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के अवसर पर डॉ. दिनेश गुप्ता जी की प्रेरणा से श्री रामजी की जीवन पर '५२' कविताओं का निर्माण हुआ है, वह भी केवल 60 मिनट्स में। इसे मैं प्रभु श्री रामजी का आशीर्वाद ही मानुंगी।
मेरी कविताएं जब मेरे विद्यार्थियों को सुनाती हू, तब वह मुझे प्रोत्साहित करते हैं। मेरे शिक्षकगण और मुख्य अध्यापक भी मेरी कविताओं की सराहना करते हैं। उनसे मुझे प्रेरणा मिलती रहती है। मेरे विद्यार्थियों ने मेरी कविताओं के आधार पर कुछ चित्र बनाएं है जिन्हे मैंने उनकी यादों के तौर पर इस पुस्तक में शामिल किये है। हमारे महाविद्यालय के ट्रस्टी प्रो. डॉ. सी. ए. महेश भिवंडीकर और पाठशाला के ट्रस्टी सी. ए. गौरांग भिवंडीकर जी, इनका भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान है।
मुझे प्रेरणा देने वाले लोगों में मेरी बेटी रिद्धि बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। मेरे परिवार ने मुझे हमेशा कविता लिखने के लिए प्रेरित किया है। इन सब लोगों का मैं तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहती हू। मेरे शुभचिंतक मुझे हमेशा ही प्रोत्साहित करते हैं। उनकी प्रेरणा से मै अपना काम को पूर्ण कर पाई। इन सबका मैं शुक्रिया अदा करना चाहती हू।
- कवयित्री मंजुश्री ( मंजुषा लोकेश चित्रिवेकर)
About Author
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Manjusha Lokesh Chitrivekar (Manjushri)
श्रीमती मंजुषा चित्रिवेकर पेशे से एक शिक्षिका है। कल्याण शहर के “अचिव्हर्स हाय पब्लिक स्कूल” में कार्यरत होने के बावजूद वह कई विषय में रुचि रखती हैं। वह कई ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा ले चुकी हैं अस्मी ग्रुप द्वारा आयोजित प्रतियोगिता “मिसेस कल्याण डोंबिवली” में उन्हें “बेस्ट चार्मिंग फेस” तथा लिंम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के रैंप वॉक के लिए “बेस्ट स्माइल” का किताब मिला हैl तथा इस पुस्तक की कविताओं को एक रिकॉर्ड के रूप में “ओएमजी” राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है। 22 जनवरी को श्रीरामजी की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह का अवसर था, उस दिन श्रीरामजी के जीवन पर साठ मिनट में '52 कविताएं' लिखी गई और यह एक रिकॉर्ड बन गया।