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₹ 292
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Adabhut Shivanya

  • book
    Written byUsha Verma
  • Book TitleAdabhut Shivanya

Book By Usha Verma

Details :   

ISBN - 9788194927044  

Publisher - Authors Tree Publishing

Pages - 200, Language - Hindi

Price - 292/- (Paperback), 140/- (ebook)

Category -  Non-Fiction/Child Education/Family & Relationship

Delivery Time - 6 to 9 working days

Paperback - 

              

eBook - 

                

              

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बहुत ही अच्छी चल रही थी जिंदगी ।

छोटी सी बच्ची ने 3 साल की उम्र में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड एसक्यूसी वर्ल्ड रिकॉर्ड ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुकी और एक्टर विवेक ओबेरॉय से भी मिल चुकी इतनी छोटी सी उम्र में और इतने सारे दोस्त बना चुकी कि जहां भी जाती बस छा जाती उससे खेलने वालों की भीड़ लग जाती हर त्यौहार मनाने का शोक जन्मदिन मनाने का शौक हर बात में इंवॉल्व रहने का शौक कितना कुछ कर लेती है छोटा सा बच्चा इतने फोटो शूट इतनी सारी चीजें कर चुकी इतने फैशन शो मैं जीत चुकी स्टार किड रह चुकी इतने सारे स्कूलों की बेबी शो कंपटीशन में जीत चुकी कितना कमाल कर दिया ना इस छोटी सी बच्ची ने कई बार न्यूज़ पेपर में भी नाम आ गया कितना मन खुश होता है ना और तो और 26 जनवरी गणतंत्रता दिवस पर भी सम्मानित चीन द्वारा सम्मान प्राप्त कर चुकी कितनी बड़ी बात है ना एक छोटी सी 3 साल की बच्ची के लिए सुनकर भी आश्चर्य होता है जबकि इतना बड़ा सा तो खेलने कूदने में ही इतनी उम्र निकाल देता है।

हर कोई उससे खुश हैं हर कोई उसके साथ रहना चाहता है लेकिन मुसीबत के दिन जब शुरू होते हैं जब उसे शिक्षा दिलाने के लिए एक अच्छे स्कूल का चुनाव करना होता है और दूर होने की वजह से अच्छे स्कूल में नहीं दाखिला नहीं करवा पाते वही पास के स्कूल में दाखिला करवाने का लालच बच्चे को और माता-पिता को कितना भारी पड़ जाता है जब एक गलत स्कूल का चुनाव हो जाता है कैसे जिंदगी बदल जाती है एक आत्मविश्वास से भरा हुआ बच्चा कैसे डरपोक बन जाता है कि कमरे से बाहर निकलना ही बंद कर देता है स्कूल जाने की तो दूर की बात है जहां वह स्कूल जाने के लिए गाड़ियों के भी पीछे भागने लगता था आज वह घर से निकलने से भी डरने लगा स्कूल के नाम से भी चढ़ने लगा ऐसा क्या हो गया और फिर एक मां ने क्या कदम उठाया।

और एक बार इस डर को निकालने के बाद यह डर यहीं खत्म नहीं हो जाता एक बार फिर से बच्चे के मन पर हावी हो जाता है उस वक्त जब कोरोनावायरस की वजह से पूरी दुनिया में लोग डाउन लग गया और अंदर ही अंदर बच्चा घर में रहने लगा फिर से वही डर कितनी बड़ी मुसीबत लेकर फिर से बच्चे की जिंदगी में आ जाता है और उस वक्त उस मुकाम पर पहुंच जाता है जहां से एक डॉक्टर की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है लेकिन मां उसे नहीं संभाल पा रही और उसी वक्त सभी क्लीनिक बंद हैं और डॉक्टर देख नहीं सकते तब क्या हुआ और बच्चे की जिंदगी को एक माने कैसे वापस उसी पटरी पर लाया लेकिन जो एक बार डर बैठ गया वह बार-बार हावी क्यों हो जाता है और दलित स्कूल में करवाने पर इतने बड़े-बड़े परिणाम भुगतने पड़ते हैं और वह भी इतने समय बाद भी कैसा होना चाहिए छोटे बच्चे के लिए स्कूल क्या एक फैशनेबल और डिजाइनर वन पीस शॉर्ट कपड़े पहनने वाली प्रिंसिपल और स्टाफ होना चाहिए या एक सभ्य प्रिंसिपल और स्टाफ।

कैसा वातावरण होना चाहिए प्ले स्कूल का वहां पर क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए बच्चे को कैसे रखा जाना चाहिए यह जानकारी हर माता-पिता को होनी चाहिए।

बहुत ही अच्छी चल रही थी जिंदगी ।

छोटी सी बच्ची ने 3 साल की उम्र में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड एसक्यूसी वर्ल्ड रिकॉर्ड ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुकी और एक्टर विवेक ओबेरॉय से भी मिल चुकी इतनी छोटी सी उम्र में और इतने सारे दोस्त बना चुकी कि जहां भी जाती बस छा जाती उससे खेलने वालों की भीड़ लग जाती हर त्यौहार मनाने का शोक जन्मदिन मनाने का शौक हर बात में इंवॉल्व रहने का शौक कितना कुछ कर लेती है छोटा सा बच्चा इतने फोटो शूट इतनी सारी चीजें कर चुकी इतने फैशन शो मैं जीत चुकी स्टार किड रह चुकी इतने सारे स्कूलों की बेबी शो कंपटीशन में जीत चुकी कितना कमाल कर दिया ना इस छोटी सी बच्ची ने कई बार न्यूज़ पेपर में भी नाम आ गया कितना मन खुश होता है ना और तो और 26 जनवरी गणतंत्रता दिवस पर भी सम्मानित चीन द्वारा सम्मान प्राप्त कर चुकी कितनी बड़ी बात है ना एक छोटी सी 3 साल की बच्ची के लिए सुनकर भी आश्चर्य होता है जबकि इतना बड़ा सा तो खेलने कूदने में ही इतनी उम्र निकाल देता है।

हर कोई उससे खुश हैं हर कोई उसके साथ रहना चाहता है लेकिन मुसीबत के दिन जब शुरू होते हैं जब उसे शिक्षा दिलाने के लिए एक अच्छे स्कूल का चुनाव करना होता है और दूर होने की वजह से अच्छे स्कूल में नहीं दाखिला नहीं करवा पाते वही पास के स्कूल में दाखिला करवाने का लालच बच्चे को और माता-पिता को कितना भारी पड़ जाता है जब एक गलत स्कूल का चुनाव हो जाता है कैसे जिंदगी बदल जाती है एक आत्मविश्वास से भरा हुआ बच्चा कैसे डरपोक बन जाता है कि कमरे से बाहर निकलना ही बंद कर देता है स्कूल जाने की तो दूर की बात है जहां वह स्कूल जाने के लिए गाड़ियों के भी पीछे भागने लगता था आज वह घर से निकलने से भी डरने लगा स्कूल के नाम से भी चढ़ने लगा ऐसा क्या हो गया और फिर एक मां ने क्या कदम उठाया।

और एक बार इस डर को निकालने के बाद यह डर यहीं खत्म नहीं हो जाता एक बार फिर से बच्चे के मन पर हावी हो जाता है उस वक्त जब कोरोनावायरस की वजह से पूरी दुनिया में लोग डाउन लग गया और अंदर ही अंदर बच्चा घर में रहने लगा फिर से वही डर कितनी बड़ी मुसीबत लेकर फिर से बच्चे की जिंदगी में आ जाता है और उस वक्त उस मुकाम पर पहुंच जाता है जहां से एक डॉक्टर की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है लेकिन मां उसे नहीं संभाल पा रही और उसी वक्त सभी क्लीनिक बंद हैं और डॉक्टर देख नहीं सकते तब क्या हुआ और बच्चे की जिंदगी को एक माने कैसे वापस उसी पटरी पर लाया लेकिन जो एक बार डर बैठ गया वह बार-बार हावी क्यों हो जाता है और दलित स्कूल में करवाने पर इतने बड़े-बड़े परिणाम भुगतने पड़ते हैं और वह भी इतने समय बाद भी कैसा होना चाहिए छोटे बच्चे के लिए स्कूल क्या एक फैशनेबल और डिजाइनर वन पीस शॉर्ट कपड़े पहनने वाली प्रिंसिपल और स्टाफ होना चाहिए या एक सभ्य प्रिंसिपल और स्टाफ।

कैसा वातावरण होना चाहिए प्ले स्कूल का वहां पर क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए बच्चे को कैसे रखा जाना चाहिए यह जानकारी हर माता-पिता को होनी चाहिए।

About Author

Usha Verma

घर की रखवाली, बच्चों की बॉडीगार्ड, परिवार की केयर टेकर, सफाई वाली, खाना बनाने वाली, चाय नाश्ता सब बनाने वाली, बर्तन साफ करने वाली, कपड़े धोने प्रेस करने वाली, कोई मेहमान के आ जाने और त्योहारों पर एक्स्ट्रा काम करने वाली है । ओवरटाइम करने वाले, 24/ 7 घंटे की ड्यूटी करती है। फिर भी वह घर की महारानी कहलाती है। और उसका दूसरा रूप है। इसके अलावा टाइम मिले तो, यूट्यूब चैनल बनाती है अपना बनाती है बच्चे का बनाती है, कविता लिखकर स्टोरी मिरर ऐप पर पब्लिश करती है। ब्लॉगिंग भी की कुछ वक्त। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए कविता देकर रिकॉर्ड बना चुकी है । कविता किताब में छप चुकी है। अयोध्या जन्म भूमि वाले दिन 5 अगस्त 2020 को 12000 फोटो पीवीसी खींचकर एक अलग पहचान बना चुकी है वह पेपर में भी आ चुका है। कौन बन सकता है लेकिन अभी बेटी के लिए कुछ करना है पहले। कई किताबों की कहानियां लिख रही थी लेकिन उन्हें छोड़कर पहले अपनी बच्चे के 4th जन्मदिन और उसे तोहफा देने के मकसद से उसके लिए किताब लिखने लगी। रैप सॉन्ग भी बनाती हैं, जिसका यूट्यूब चैनल भी शुरू कर दिया था लेकिन इस किताब को लिखने की वजह से अभी सभी चीजें रोक दी हैं। यह पुस्तक में अगस्त में पूरी हो चुकी थी लेकिन कहीं हो गई यह कह सकते हैं डिलीट हो गई जिसके कारण फिर से बनानी पड़ी और इतना टाइम लग गया। अभी कई रिकॉर्ड बनाने जा रही थी लेकिन सबसे पहले इस किताब को लिखकर छपवाने का जो सपना देखा है और उसे पूरा करने का निश्चय कर लिया चाहे फिर इसके लिए सभी चीजें छोड़नी पड़ी। कभी भी कुछ भी करने के लिए या अपनी पहचान बनाने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती। अगर इंसान का किसी भी उम्र में दिल जवान और सोच पॉजिटिव है और इरादे पक्के हैं तो वह कभी भी कुछ भी कर सकता है चाहे उसके सामने कितनी बड़ी मुसीबत आ जाए। बस इतनी सी कहानी है इस लेखक लेखिका की, और ज्यादा कुछ नहीं बस एक और सपना केबीसी के मंच तक पहुंच कर अपने बच्चे को फेमस करना । और दुनिया को दिखाना बेटी को कैसे ऊंचाइयों पर ले जाएं।

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